कोर्ट और सरकार के आदेश भी नहीं मान रहे स्कूल

निजी स्कूल संचालक मांग रहे ज्यादा फीस


पटना: लॉकडाउन के दौरान फीस देने का ...


भोपाल, संवाददाता। को लेकर प्रदेश के निजी स्कूल संचालक कोर्ट और सरकार के आदेश मान रहे हैं। कोरोना वायरस के जारी लॉकडाउन के तहत प्रदेश कोई भी स्कूल खुले नहीं है, अभिभावकों पर फीस जमा का दबाव डाला जा रहा है। इस शासन ने आदेश दिया था कि लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूलों को शिक्षण शुल्क लेना होगा। लेट और अभिभावकों पर फीस का नहीं बनाना होगा। अब निजी शिक्षण शुल्क में ही स्पोर्ट्स, बस, स्मार्ट क्लास चार्ज सभी समायोजित कर मांग रहे इस संबंध में अभिभावकों ने जिला शिक्षा अधिकारी के पास शिकायत है, लेकिन अभिभावकों एक ही जवाब मिल रहा कि फीस संबंधी मामला न्यायालय में विचाराधीन है कुछ नहीं कर सकते हैं। वहीं कुछ निजी स्कूल बस और मेस चार्ज फीसदी का डिस्काउंट देकर फीस जमा करने के मैसेज अभिभावकों भेज रहे हैं। इससे अभिभावकों नाराजगी है। अभिभावकों का कहना जब स्कूल बस का इस्तेमाल नहीं किया और बच्चा खेला ही नहीं तो स्कूल वाले फीस कैसे ले सकते हैं। फीस को लेकर मध्य प्रदेश सरकार के आदेश के अनुसार लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूलों को केवल शिक्षण शुल्क लेना होगा। शासन ने यह भी कहा था कि विलंब शुल्क न लगाएं और न ही अभिभावकों हाईकोर्ट ने 25 जून को पर फीस का दबाव खिलाफ सुनवाई में हाईकोर्ट बनाएं, सिर्फ ट्यूशन ने केवल ट्यूशन फीस फीस वसूलें। इस सत्र आदेश दिए हैं। कई निजी में फीस वृद्धि नहीं की अभिभावकों पर तिमाही जाए। हाईकोर्ट इंदौर करने का दबाव डाल रहे बेंच ने 16 जून को नहीं करने पर ऑनलाइन राज्य सरकार के उस बच्चों का नाम हटाया रोक लगा दी थी, जिसमें संबंध में पालक महासंघ स्कूलों पर फीस न बढ़ाने, कमल विश्वकर्मा का के लिए दबाव न बनाने, निजी स्कूल फीस को लेकर न लगाने, किश्तों में तैयार नहीं है तो अब हम जैसी राहत दी थी। अब 28 के साथ मिलकर आंदोलन सुनवाई होगी और स्कूलों बारे में जिला शिक्षा अधिकारी जोखा मांगा है। जबलपुर सक्सेना का कहना है।